सिख अलगाववादी और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को दी गई धमकियों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम इन धमकियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम इसे अमेरिका सरकार के समक्ष उठाते हैं। इस मामले में भी हमने इसे अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है और हमें उम्मीद है कि अमेरिकी सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेगी।’ इस दौरान विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि पीएम
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि इस यात्रा से भारत-कुवैत संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी। इसने कहा कि भारत रक्षा और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक है। मंत्रालय ने आगे कहा कि कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के आमंत्रण पर पीएम मोदी इस यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी कुवैत के नेताओं संग चर्चा करेंगे। साथ ही वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था।
बता दें कि भारत, कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदार देशों में से एक है और भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग कुवैत में रहते हैं। कुवैत, भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। कुवैत, भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को तीन प्रतिशत तक पूरा करता है। अमीर शेख सबाह अल अहमद अल जाबर अल सबाह जुलाई, 2017 में निजी यात्रा पर भारत आए थे। इससे पहले 2013 में कुवैत के प्रधानमंत्री ने भारत की उच्च स्तरीय यात्रा की थी।