सुप्रीम कोर्ट ने नैशनल हाइवे पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से कहा है कि वह एक स्कीम लेकर आएं जिसके तहत रेग्युलर इंस्पेक्शन, शिकायत मैकेनिज्म और अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत का जल्द निपटारा हो सके।
साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए सर्वे करने की जरूरत बताते हुए कहा कि हाइवे एडमिनिस्ट्रेशन इस बात को सुनिश्चित करें कि हाइवे अतिक्रमण से फ्री हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश के अलग अलग इलाके में हाइवे की जमीन पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे हो रखे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नैशनल हाइवे का लगातार सर्वे किए जाने की जरूरत है ताकि हाइवे को अतिक्रमण से फ्री किया जा सके। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश जारी किया है कि हाइवे एडमिनिस्ट्रेशन धारा-26 का इस्तेमाल कर अतिक्रमण को हटाए और अवैध कब्जे से हाइवे को फ्री करे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे एडमिनिस्ट्रेशन को निर्देश दिया है कि वह दो महीने में आदेश के अमल के बारे में रिपोर्ट पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि उनका रोल सिर्फ हाइवे एडमिनिस्ट्रेशन बनाकर खत्म नहीं होता है बल्कि उनकी ड्यूटी है कि वह देखें कि हाइवे एडमिनिस्ट्रेशन कारगर तरीके से काम कर रहे हैं। मामले में आगे की सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।