महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई में गिरावट आई है। खुदरा महंगाई नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई है। अक्टूबर में यह 6.21 प्रतिशत के स्तर पर थी। इसकी मुख्य वजह खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की कीमतों में नरमी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 9.04 प्रतिशत रह गई। अक्टूबर में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत थी।
एनएसओ ने कहा, ‘‘नवंबर, 2024 में सब्जियों, दालों, चीनी व मिष्ठान्न, फलों, अंडे, दूध, मसालों, परिवहन व संचार और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों की महंगाई में उल्लेखनीय गिरावट आई।’’ सीपीआई आधारित कुल महंगाई जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई थी। यह सितंबर, 2023 के बाद से सबसे अधिक थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पिछले सप्ताह 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया था। साथ ही केंद्रीय बैंक ने खाद्य कीमतों पर दबाव से दिसंबर तिमाही में कुल मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने की आशंका भी जाहिर की थी।
औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि इस साल अक्टूबर में घटकर 3.5 फीसदी रह गई। इसका मुख्य कारण खनन, बिजली और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का खराब प्रदर्शन है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापे जाने वाले कारखाना उत्पादन पिछले साल इसी महीने में 11.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश का औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर, 2024 में 3.5 प्रतिशत बढ़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन अक्टूबर, 2024 में 4.1 प्रतिशत बढ़ा। जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अक्टूबर, 2024 में खनन उत्पादन में 0.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई। अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में, आईआईपी में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन सात फीसदी बढ़ा था।