राजकोट के पास रैया गांव का रामजी मंदिर एकता का प्रतीक बन गया है। 1947 में बने इस रामजी मंदिर का आजादी के 76 साल बाद जीर्णोद्धार किया गया है।इस मंदिर के जीर्णोद्धार में मुस्लिम भाईचारे ने भी श्रम और आर्थिक दान में हिंदुओं का सहयोग किया है
आजादी के बाद पहली बार नवनिर्मित मंदिर, मंदिर के नौ निर्माणों में ध्रांगध्र पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। एकता का प्रतीक बना रैया गांव का रामजी मंदिर मंदिर के नौ निर्माणों में प्रयुक्त पत्थर ध्रांगधरा है। जबकि मूर्ति के लिए ग्रीस के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। शास्त्री भरतभाई राज्यगुरु ने कहा है कि। इस मंदिर की विशेषता के बारे में समिति सदस्य योगेशभाई सकारिया ने बताया कि यह राम मंदिर 500 वर्ग फीट में फैला हुआ है जिसमें 500 वर्ग फीट में यज्ञशाला बनाई गई है. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कल से शुरू; रविवार को शोभायात्रा, साधु-महंतों की विशेष उपस्थिति