जैसे ही कांग्रेस एक झटके से उबरने की कोशिश करती है, उसे दोबारा से करारा झटका लग जाता है. इसी कड़ी में कांग्रेस की प्रवक्ता और छत्तीसगढ़ कांग्रेस की चर्चित नेता राधिका खेड़ा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना लेटर बकायदा ट्वीट करते हुए लिखा कि पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं और अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं. उन्होंने यह भी लिखा कि मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के नाम लिखे पत्र में उन्होंने लिखा कि आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है. हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं. वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं. हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहाँ ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई. मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया.