विजयदशमी के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशम बाग में शस्त्र पूजन किया। इसके बाद उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मोहन भागवत ने कहा कि संघ 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमेशा चुनौती तो रहती ही है। भविष्य कई नई सुविधाएं लेकर आएगा। वैश्विक स्तर पर इजरायल के युद्ध कि चिंता सभी को लगी है। अपना देश आगे बढ़ रहा है। सभी क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का चुनाव शांति पूर्वक हो गया है। भारत कि साख और प्रतिष्ठा बढ़ी है। शासन और युवाओं के द्वारा देश कई क्षेत्र में आगे जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ चुनौतियों अभी भी सामने हैं।संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में हुए उत्पात के कारण हिंदू समाज में जो अत्याचार हो रहे हैं। वो बार-बार दोहराए गए। वो सब (हिंदू) एक साथ आए इस लिए वहां (बांग्लादेश) बच गए।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो हुआ? उसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं, लेकिन जो लोग चिंतित हैं। वे इस पर चर्चा करेंगे। उस अराजकता के कारण हिंदुओं पर अत्याचार करने की परंपरा वहां दोहराई गई। पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे। जब तक गुस्से में आकर अत्याचार करने की यह कट्टरपंथी प्रकृति होगी। तब तक न केवल हिंदू बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में होंगे। उन्हें पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की जरूरत है। यह उनकी जरूरत है कि भारत सरकार उनकी मदद करे। कमजोर होना एक अपराध है। अगर हम कमजोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत हैं।