बिहार की राजधानी पटना में स्थित डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का बंगला एक बार फिर से चर्चे में है। अक्सर इस बंगले से जुड़े वास्तु दोष को लेकर सवाल उठाया जाता है। कहा जाता है कि जो भी डिप्टी सीएम इस बंगले में रहा, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। इसलिए अब बंगले से जुड़े वास्तु दोष को मिटाने के लिए बंगले के पीछे वाले गेट को 10 फ़ीट ऊँची दीवार देकर बंद किया जा रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव अक्सर पीछे के गेट से ही आना-जाना करते थे लेकिन सम्राट चौधरी ने पीछे के गेट को वास्तु दोष के कारण इसे बंद करने का फैसला किया है। सम्राट चौधरी खुद के आने-जाने के लिए मेन गेट का इस्तेमाल करेंगे। इस मामले में जब बंगले में काम कर रहे मिस्त्री से पूछा गया तो मिस्त्री ने बताया कि दक्षिण दिशा में बना घर का दरवाजा हमेशा अशुभ होता है। शायद वास्तु दोष को सुधारने के लिए इस गेट को बंद किया जा रहा है।
वास्तु दोष की चर्चा अब बिहार के राजनीतिक गलियारे में भी शुरू हो गई है। इसे लेकर राजद और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। सम्राट चौधरी से जब पूछा गया कि बंगले में रहने वाले सारे डिप्टी सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके तो इसके जवाब में सम्राट चौधरी ने कहा कि कोई बंगला डिस्प्यूटेड नहीं होता बल्कि व्यक्ति डिस्प्यूटेड होता है। उन्हें फिर से डिप्टी सीएम नहीं बनना है। सम्राट चौधरी के बयान को लेकर दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर तीखा हमला करना शुरू कर दिया है। जहां बीजेपी के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने इशारों-इशारों में तेजस्वी यादव पर हमला बोला और कहा कि बैक गेट की जरूरत 2 नंबर के लोगों को होती है। जिसे चोरी-छिपे कुछ ले जाना या ले आना होता है। इस पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि जिस पार्टी का ही वास्तु खराब है। उसके लिए कोई भी दीवार खड़ी करने और गेट बंद करने से कोई फायदा नहीं होगा। दरअसल, सम्राट चौधरी नीतीश कुमार के लिए बिहार की सत्ता का दरवाजा बंद कर रहे हैं।