चुनावों में ‘फ्री’ देने के वादों को रिश्वत घोषित करने की मांग वाली याचिका पर SC ने केंद्र और EC से मांगा जवाब

चुनावों में मुफ्त के वादों को रिश्वत घोषित करने मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से मुफ्त देने के वादे को रिश्वत घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि चुनाव आयोग ऐसे वादों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए।कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव कुछ समय पूर्व राजनीतिक दल मुफ्त में कई सुविधाओं को देने का वादा करते हैं। ऐसे वादों को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और लंबित मामलों के साथ याचिका को भी टैग किया।

कर्नाटक निवासी शशांक जे श्रीधर की तरफ से दायर जनहित याचिका में राजनीतिक दलों को चुनाव पूर्व अवधि के दौरान मुफ्त के वादे करने से रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की गई है। वकील विश्वादित्य शर्मा और बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि मुफ्त का अनियमित वादा सरकारी खजाने पर बेहिसाब वित्तीय बोझ डालता है।याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किए गए मुफ्त उपहारों का वादा, विशेष रूप से नकदी के रूप में चुनाव के बाद अगर उनकी पार्टी सरकार बनाती है तो उसे सरकारी खजाने से वित्त पोषित किया जाएगा। 

याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत रिश्वत की पेशकश के जरिए वोट देने के लिए प्रेरित करने का भ्रष्ट आचरण बनता है। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक दल अक्सर इस तरह की मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करते हैं, बिना यह बताए कि इन वादों को कैसे वित्त पोषित किया जाएगा।याचिका में यह भी कहा गया है कि पारदर्शिता की कमी के कारण या तो ऐसे वादों को पूरा करने में सरकारें विफल साबित होती हैं। इससे मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी होती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मुफ्त का चलन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत को कमजोर करता है। जहां मतदाता उम्मीदवारों की नीतियों या शासन रिकॉर्ड से नहीं, बल्कि तत्काल व्यक्तिगत लाभ के आकर्षण से प्रभावित होते हैं।

Related Posts

‘सरकार बनी तो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देंगे’, क्यों भड़क गए राज ठाकरे?

महाराष्ट्र में जैसे-जैसे वोटिंग का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र चुनाव में अब लाउडस्पीकर की भी एंट्री हो गई है। महाराष्ट्र…

Read more

क्लर्क ने दफ्तर के अंदर की आत्महत्या, तहसीलदार और मंत्री के PA को ठहराया जिम्मेदार, भाजपा ने खोला मोर्चा

कर्नाटका के बेलगावी शहर में मंगलवार को तहसीलदार कार्यालय में द्वितीय श्रेणी सहायक के रूप में काम करने वाले 35 वर्षीय सरकारी कर्मचारी का शव मिलने से हडकंप मच गया।…

Read more

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

‘सरकार बनी तो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देंगे’, क्यों भड़क गए राज ठाकरे?

‘सरकार बनी तो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देंगे’, क्यों भड़क गए राज ठाकरे?

क्लर्क ने दफ्तर के अंदर की आत्महत्या, तहसीलदार और मंत्री के PA को ठहराया जिम्मेदार, भाजपा ने खोला मोर्चा

क्लर्क ने दफ्तर के अंदर की आत्महत्या, तहसीलदार और मंत्री के PA को ठहराया जिम्मेदार, भाजपा ने खोला मोर्चा

दिल्ली में नाबालिग की हत्या, पेट पर कई बार चाकू से वार कर उतारा मौत के घाट

दिल्ली में नाबालिग की हत्या, पेट पर कई बार चाकू से वार कर उतारा मौत के घाट

गुरुग्राम के फेमस प्लेस्कूल में मासूम से छेड़छाड़, जांच के लिए SIT गठित

गुरुग्राम के फेमस प्लेस्कूल में मासूम से छेड़छाड़, जांच के लिए SIT गठित

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ा, कहा- बेवजह उठा रहा कश्मीर का मुद्दा

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ा, कहा- बेवजह उठा रहा कश्मीर का मुद्दा

शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने जताया शोक

शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने जताया शोक