जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकियों ने सेना के काफिले पर गोलाबारी की। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, फायरिंग करने वाले आतंकियों की संख्या 3 से 4 बताई जा रही है, जो कि अब एक स्थानीय मंदिर के आसपास छिपे हुए हैं। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है।
इस आतंकवादी गतिविधि की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीमों ने मिलकर व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया। फिलहाल इलाके में सुरक्षा को मजबूत किया गया है। सोमवार सुबह करीब 7 बजे घात लगाकर बैठे तीन अज्ञात आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर फायरिंग की। यह घटना अखनूर के बटाल गांव के शिव मंदिर के पास हुई है। 32 फील्ड रेजिमेंट ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान जारी है।
सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि आतंकवादियों ने सुबह सेना के वाहनों के काफिले पर गोलियां चलायीं। उसने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे सैनिकों की त्वरित प्रतिक्रिया से आतंकवादियों का प्रयास नाकाम हो गया और कोई हताहत नहीं हुआ है। इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है और आतंकवादियों के सफाये के लिए एक तलाश अभियान जारी है।’’
वहीं, आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर में 20 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले की जांच के दौरान खुफिया जानकारी की कमी और नियंत्रण रेखा (LoC) पर पिछले एक साल से निगरानी व्यवस्था को चकमा देकर घुसपैठ होने की जानकारी सामने आई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। गगनगीर में हुए हमले में एक स्थानीय डॉक्टर और बिहार के दो मजदूरों सहित सात लोगों की जान चली गई थी। गगनगीर हमले ने कश्मीर में स्थानीय युवकों के आतंकवादी समूहों में शामिल होने की ‘‘गुप्त प्रवृत्ति’’ के बारे में चिंता पैदा कर दी है।
जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर हुए इस हमले में दो आतंकवादी शामिल थे। इनमें से एक की पहचान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के स्थानीय युवक के रूप में हुई है, जो 2023 में एक आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था, जबकि दूसरे के बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान से आया था। सुरक्षा अधिकारियों ने स्थानीय युवकों के तेजी से कट्टरपंथी बनने पर चिंता व्यक्त की और ऐसे युवकों की पहचान के लिए उन्नत मुखबिर नेटवर्क की आवश्यकता पर बल दिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना की चिनार कोर के नेतृत्व में हाल के बदलावों के मद्देनजर, स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने से रोकने के लिए मुखबिर नेटवर्क को बढ़ाने पर नये सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।