इस्लामाबाद में कुछ दिनों पहले अपनी पीटीआई से विरोध रैली करवाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक नई मुश्किल में फंस गए हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल में बंद इमरान खान को पिछले साल हुए दंगों में अपराधियों को उकसाने और साजिश रचने का दोषी करार दिया है। इससे उनका राजनीतिक भविष्य और गहरे अंधकार में चला गया है इसके बाद सरकार ने आंदोलनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया तो पार्टी ने रैली समाप्त घोषित कर दी।
आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश मंजर अली गिल ने पिछले साल नौ मई के दंगों के आठ मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद जमानत याचिकाओं के बारे में जारी एक लिखित आदेश में टिप्पणी की, ‘‘ये अपराध सीआरपीसी की धारा 497 के निषेधात्मक खंड के अंतर्गत आते हैं। याचिकाकर्ता इमरान खान को दोषी पाया जाता है।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने षड्यंत्र रचने के आरोप को साबित करने के लिए गवाहों के बयान तथा याचिकाकर्ता के खिलाफ उकसावे और उकसाने के आरोप को साबित करने के लिए ऑडियो/विजुअल साक्ष्य पेश किए। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ अदालत यह भी जानती है कि याचिकाकर्ता कोई साधारण व्यक्ति नहीं है।