फर्जी एसएमएस, फर्जी स्पैम कॉल्स और लगातार तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए केंद्र सरकार नए-नए कदम उठा रही है। इस बीच लोगों टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया ने लोगों को ठगी से बचाने के लिए एक नया नियम पेश किया है। TRAI की तरफ से आज से पूरे देश में ट्रेसेबिलिटी का नया नियम लागू किया जा रहा है। TRAI ने जियो (Jio), एयरटेल(Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vi) और बीएसएनएल (BSNL) को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं।
TRAI के नए ट्रेसेबिलिटी नियम के लागू किए जाने के बाद मोबाइल यूजर्स को आने वाले OTP मैसेज को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। अगर साफ शब्दों में आपको समझाएं तो अब अगर किसी ओटीटी के जरिए आपके साथ फ्रॉड होता है तो टेलिकॉम कंपनियां उस ओटीपी मैसेज का सोर्स पता लगा सकेंगी। ट्राई की मानें तो इससे साइबर फ्रॉड पर रोक लगाने में बड़ी मदद मिल सकती है।
OTP Traceability Rule लागू होने के बाद मोबाइल यूजर्स को आने वाले स्पैम कॉल्स या फिर फर्जी मैसेज वाले नंबर की पहचान की जा सकेगी। ट्राई के इस नए नियम से देशभर के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत मिलेगी। नए नियम से टेलिकॉम कंपनियों के रूट से मोबाइल में आने वाले सभी मैसेज को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि TRAI के नए नियम में बैंकिग मैसेज और प्रमोशनल टेलिमार्केटिंग मैसेज को अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाएगा। कंपनियां फ्रॉड से संबंधित संदिग्ध प्रमोशनल मैसेज को लेकर यूजर्स को अलर्ट भी जारी कर सकती हैं जिससे यूजर्स पहले ही खतरे को भांप सकते हैं। ट्राई की तरफ से बताया गया कि ट्रेसेबिलिटी के नियम को लागू करने का मकसद सिर्फ मैसेजिंग की व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
आपको बता दें कि TRAI की तरफ से ट्रेसेबिलिटी के नियम को लागू करने की अंतिम तारीफ 31 अक्टूबर तय की गई थी, लेकिन जियो, एयरटेल समेत दूसरी टेलिकॉम कंपनियों की मांग पर इसी डेट लाइन को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। अब इसे 1 दिसंबर 2024 से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। TRAI की मानें तो ट्रेसेबिलिटी रूल की वजह से OTP बेस्ड मैसेज आने में देरी की कोई संभावना नहीं है। OTP मैसेज पहले की ही यूजर्स के पास टाइम पर ही पहुंचेंगे।