अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को पुनः खोलने के लिए आयोजित शुद्धिकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि मंदिर में सभी धार्मिक कार्य शांति और सौहार्द्र के साथ संपन्न हुए। स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में हिंदू कार्यकर्ताओं ने मंदिर में हवन पूजा की, जबकि स्थानीय मुसलमानों ने स्वामी यशवीर महाराज और उनके साथ आए हिंदू कार्यकर्ताओं का स्वागत किया और मंदिर की गली में पुष्प वर्षा की, जो इलाके में शांति और सौहार्द्र का प्रतीक बना।
लद्दावाला में स्थित शिव मंदिर का निर्माण 1971 में किया गया था। हालांकि, 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को ध्वस्त किए जाने के बाद वहां साम्प्रदायिक तनाव बढ़ गया था। उस दौरान इलाके के हिंदू परिवारों ने मंदिर की मूर्तियों और ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला लिया, जिसके बाद से मंदिर बंद पड़ा था। तब से मंदिर में किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं हो पाई थी।
पिछले सप्ताह स्वामी यशवीर महाराज ने ऐलान किया था कि इस मंदिर को 23 दिसंबर को शुद्धिकरण समारोह और हवन पूजा के बाद फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। इस घोषणा के बाद इलाके के दोनों समुदायों में एक सकारात्मक माहौल देखा गया और स्थानीय मुसलमानों ने भी समारोह में सहयोग प्रदान किया।
मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है और इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। स्थानीय अधिकारियों ने पूरे आयोजन को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे, ताकि इलाके में कोई भी तनाव उत्पन्न न हो।