सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम अब भारत में लागू हो चुका है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है.लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने सीएए नियम लागू कर विपक्ष को भी चौंका दिया है.
सरकार ने नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा है कि यह नागरिक छीनने नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है.सीएए को दिसंबर 2019 में संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई थी. अब इसके लागू होने के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जा सकेगी, जो 2015 से पहले भारत आए थे.नियम को लेकर सारी तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी थी. इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल पहले ही बना दिया गया था.
सीएए के लागू होने के बाद गैर मुस्लिम शरणार्थी भारतीय नागरिकता के लिए आसानी से आवेदन कर सकेंगे. आवेदन करने के लिए उन्हें दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश के वर्ष का खुलासा करना होगा. इसके अलावा गैर मुस्लिम शरणार्थियों को किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी.
कुछ दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए को लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि सीएए देश का एक अधिनियम है… इसे निश्चित रूप से अधिसूचित किया जाएगा. सीएए चुनाव से पहले लागू होगा (और) किसी को भी इस बारे में भ्रमित नहीं होना चाहिए.
सीएए और एनआरसी पर छिड़े विवाद की आलोचना करते हुए अमित शाह ने स्पष्ट कहा था कि इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है. यह अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं है. हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और उकसाया जा रहा है. सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. यह किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.