वर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मध्य प्रदेश में पिछले हफ्ते PMLA के तहत भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में कई जगह पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सौरभ शर्मा और अन्य के खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में की गई। छापेमारी में सौरभ शर्मा और उसके करीबी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने ये जांच लोकायुक्त, भोपाल द्वारा सौरभ शर्मा, सेवानिवृत्त आरक्षक, परिवहन विभाग, भोपाल, मध्य प्रदेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत दर्ज मुकदमे के आधार पर शुरू की।
अलग-अलग नामों पर अर्जित थी संपत्ति
मामले की जांच में सामने आया कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों और कई अन्य फर्मों/कंपनियों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। जांच के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों का पता लगाया गया। इनकी जांच में यह सामने आया कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं। इन कंपनियों के डायरेक्टर उसके बेहद करीबी थे।
8 जगहों पर की गई छापेमारी
भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में 8 स्थानों पर की गई छापेमारी में 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD चेतन सिंह गौर के नाम पर मिली। वहीं 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर मिली। इसके अलावा, 23 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर पाए गए।हैरानी की बात ये रही कि जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि ये प्रॉपर्टी सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में कार्यरत रहते हुए भ्रष्टाचार से अर्जित आय से खरीदीं