HMPV वायरस के कई मामले इन दिनों देश के कई राज्यों में आ रहे हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में अब तक इस वायरल के 2-2 केस और पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस सामने आ चुके हैं। इसी के साथ कोरोना जैसे वायरस HMPV के देश में 8 केस अब हो गए हैं। ताजा केस महाराष्ट्र के नागपुर में देखने को मिला है। यहां दो बच्चों में यह वायरस देखने को मिला है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सांस संबंधी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।
केंद्र स्वास्थ्य मंत्री ने वायरस को लेकर कहा था कि हमारे एक्सपर्टों ने यह कह दिया है कि यह कोई नया वायरस नहीं हैं। 2001 में इस वायरस की पहली बार पहचान हुई थी। इसके बाद ये दुनिया में फैला, ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है और ये सभी एज ग्रुप के लोगों पर असर करता है। WHO हालात में नजर बनाए हुए हैं, हमसे जल्द ही रिपोर्ट शेयर किया जाएगा। इस वायरस से लोगों के कई सवाल हैं जैसे कि यह कैसे फैलता है और इसका वायरल कितने घंटे तक जिंदा रह सकता है?
इस वायरस के बारे में पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन डॉ. गोपी चंद खिलनानी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, “वायरस सामान्यत: सांस लेने या खांसने से फैलता है। साथ ही यह कमरे के तापमान पर 6 घंटे तक जीवित रह सकता है और अगर तापमान 4 डिग्री जैसा कम है, तो यह लंबे समय तक जीवित रहेगा। इसका फोमाइट्स से भी संक्रमण हो सकता है जो टेबल या कुर्सी या बुक या दरवाज़े के हैंडल जैसी चीजें हैं। अगर कोई अतिसंवेदनशील रोगी इसे छूता है और दूसरा व्यक्ति इसे छूता है और उसे यह हो जाता है या निकट आने से, जैसे बुज़ुर्ग लोग और जिन्हें अस्थमा या सीओपीडी या कोई पुरानी फेफड़ों की बीमारी या हृदय रोग है, या जिन्हें अनियंत्रित शुगर है, या जो किसी भी तरह के कैंसर का इलाज करवा रहे हैं, या जिन्होंने कभी कीमोथेरेपी ली है। इन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।