सालंगपुर हनुमान मंदिर के विवाद में गुजरातभर के संतो ने विरोध दर्ज करवाया, मोराराजी बापू ने भी की आलोचना

सालंगपुर हनुमान मंदिर में बजरंग बली को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी सहजानंद का दास बताया गया जिस पर पूरा विवाद छिड़ा |स्वामीनारायण संप्रदाय के सहजानंद स्वामी क्या है भगवान श्री राम के अवतार ? यह सवाल हमने इसलिए पूछा क्योंकि गुजरात के बोटाद जिले के सालंगपुर हनुमान मंदिर में बजरंग बली की 54 फिट ऊंची प्रतिमा के नीचे वाली दीवार के चित्रों में बजरंग बली को स्वामीनारायण संप्रदाय के गुरु सहजानंद स्वामी के दास बताए गए है जिसके बाद मंदिर के उस चित्र पर विवाद खड़ा हुआ

वीएचपी और बजरंग दल ने मंदिर में पहुंच कर इस मामले आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा, आपको बता दे की सालंगपुर मंदिर में 54 फिट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना हुई है जिसका अनावरण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथो हुआ था, मूर्ति के ठीक नीचे दीवार पर बने चित्रों में से एक चित्र में हनुमानजी को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी सहजानंद का दास बताते हुए प्रणाम मुद्रा में बताया गया जिसे कुछ हिंदू संगठन के लोगो द्वारा देखे जाने और आपत्ति उठाने के बाद विवाद की शुरुआत हुई। और बात जैसे जैसे बढी इस मामले के विरोध में राज्य के तमाम संत आगे आए और कड़ी निन्दा तक करने लगे, इस मामले को लेकर मोरारजी बापू का भी बयान सामने आया जिन्होंने इस चित्र की आलोचना करते हुए कहा की कुछ लोग खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए भगवान को भी झुका देते है।

इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद और सोशल मीडिया में इस बात की काफी चर्चा होने के बाद सनातन धर्म सेवा समिति ने भावनगर के सीहोर थाने में लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है। वही राज्य के कई हिंदू संगठनो ने चेतावनी दी है की अगर 1 सितंबर तक उस चित्र को वहाँ से हटाया नहीं गया तो सभी संगठन, संत और धर्म गुरु बोटाद के सालंगपुर मंदिर पहुंचकर विरोध दर्ज कराएंगे ।

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