बांग्लादेश की सियासी संकट पर भारत की बारीकी से नजर

बांग्लादेश की सियासत शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ते ही किसी अश्क की तरह बिखर गई है। हर जगह उपद्रवी तांडव मचा रहे हैं। बांग्लादेश आर्मी लोगों से शांति की अपील कर रही है। साथ ही बीते दिन बांग्लादेश आर्मी ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है। इसी बीच शेख हसीना ने भारत में शरण ली। बीते दिन से शेख हसीना भारत में ही है। भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।बता दें कि आज केंद्र सरकार ने बांग्लादेश के मुद्दे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह बैठक सुबह करीब 10 बजे संसद भवन में हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी। बांग्लादेश में रिजर्वेशन विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हसीना लंदन जाने की अपनी प्लानिंग के तहत बीती रात भारत पहुंचीं।बांग्लादेश में इस प्रदर्शन में कट्टरपंथियों का बोलबाला दिख रहा है। उन्होंने बांग्लादेश आजादी के जननायक शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा को तोड़ डाला है। साथ ही 20 से ज्यादा मंदिरों को भी तोड़-फोड़ कर जला दिया है। साथ ही कुछ हिन्दुओं के घरों में भी तोड़फोड़ की है। ऐसे में मोदी सरकार के सामने चैलेंज है कि हिंदुओं पर हमलों को लेकर वह क्या स्टेप लेंगे?
बांग्लादेश के इस तख्ता पलट में पाकिस्तान, अमेरिका व चीन का हाथ लग रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश में कहीं पाकिस्तान की आईएसआई अपने नापाक मंसूबों के जरिए आंतकियों को पनाह न देना शुरू कर दे। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए यह बुरे सपने से कम नहीं है।
यहां पहले जमाते इस्लामी, जमात उल मुजाहिदीन नाम के दो कट्टरपंथी संगठन एक्टिव थे, कयास लगाए जा रहे हैं ये फिर एक्टिव हो जाएंगे। बता दें कि दोनों संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण मिला हुआ है। जहां भारत के सामने पहले से ही आतंक की चुनौती है, इससे चुनौती और बढ़ सकती है।बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ अभी भारत के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में अगर पाकिस्तान ने कट्टरपंथी संगठनों की मदद का फायदा उठाकर अराजकतत्वों या फिर आंतकियों की घुसपैठ शुरू करा दी तो हमारे देश लिए बड़ा खतरा हो सकता है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के बॉर्डर खुले हुई हैं। जहां से अवैध घुसपैठ होती ही रहती है।

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