क्या बांग्लादेश अपनी हदें पार कर रहा है? हाल के दिनों में जिस तरह के घटनाक्रम सामने आए हैं उससे यह सवाल उठना लाजिमी हो जाता है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवान पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में सीमा पर कंटीले तार (फेंसिंग) लगाने के काम में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में दहग्राम अंगारपाटा सीमा पर फेंसिंग लगाने को लेकर बीजीबी और स्थानीय ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। अंत में ग्रामीणों ने बीएसएफ के साथ मिलकर कंटीले तार लगाने का काम जारी रखा। बता दें कि अब तक डेढ़ किलोमीटर कंटीले तार लगाए जा चुके हैं और कहा जा रहा है कि 2 किलोमीटर और कंटीले तार लगाए जाएंगे।
सवाल उठता है कि बीजीबी बार-बार सीमा पर कंटीले तार लगाने में बाधा क्यों डाल रही है? बांग्लादेश में शेख हसीना को अपदस्थ करने के बाद अब जो सरकार सत्ता में है उसका भारत के दृष्टिकोण अभी तक सकारात्मक नहीं रहा है। हालांकि भारत की ओर दोनों देशों को बीच संबंध को सकारात्मक रखने की काफी कोशिश की जा रही है लेकिन बांग्लादेश की ओर से ऐसा कोई रुख नजर नहीं आ रहा है। भारत-बांग्लादेश की सीमा पर तनाव की घटनाएं बढ़ गई हैं। नौबत यहां तक आन पड़ी कि बीएसएफ और बीजीबी के अधिकारियों को फ्लैग मीटिंग करनी पड़ी।
वहीं बीजीबी के 58 वीं बटालियन के कमांडर लेफ्टिनेट कर्नल ने यह बयान दे दिया कि बीजीबी ने कोडानिलया नदी के किनारे के पांच किमी इलाके को उन्होंने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद तनाव बढ़ गया। बीएसएफ और बीजीबी की फ्लैग मीटिंग बुलाई गई। बीएसएफ ने बीजीबी के बयान को भ्रामक बताया। वहीं मालदा के सुखदेवपुर इलाके में भी बीजीबी के जवानों ने कंटीली तार लगाने के काम को रोकने की कोशिश की।