रामेश्वरम (तमिलनाडु): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए पंबन रेलवे पुल को राष्ट्र को समर्पित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने रामेश्वरम-चेन्नई नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई और एक तटरक्षक जहाज को भी रवाना किया। पुल के वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम का लाइव प्रदर्शन करते हुए, जहाज को पुल के नीचे से सफलतापूर्वक गुजरते हुए दिखाया गया।

धार्मिक और तकनीकी महत्व का अनूठा संगम
- यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्यभूमि से जोड़ता है और राम सेतु के पौराणिक महत्व को भी दर्शाता है।
- 2.08 किमी लंबे इस पुल की लागत 550 करोड़ रुपये से अधिक है।
- 72.5 मीटर लंबे लिफ्टिंग सेक्शन को मात्र 5 मिनट में 17 मीटर ऊपर उठाया जा सकता है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकेंगे।

दुनिया के प्रतिष्ठित पुलों की श्रेणी में शामिल
नया पंबन पुल अब अमेरिका के गोल्डन गेट ब्रिज और लंदन के टावर ब्रिज जैसी वैश्विक संरचनाओं की कतार में खड़ा हो गया है। इसे भूकंप और चक्रवात जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

क्यों है खास?
✔ दोहरी रेल लाइन: भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया।
✔ स्टेनलेस स्टील और विशेष कोटिंग: समुद्री जंग से बचाव के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग।
✔ पुराने पुल से 3 मीटर ऊंचा: यातायात की बेहतर सुविधा के लिए।
100 साल पुराने पुल की विरासत को आगे बढ़ाता नया पंबन
1914 में बने पुराने पंबन पुल ने एक सदी तक सेवा दी, लेकिन बढ़ते यातायात और तकनीकी सीमाओं के चलते नए पुल का निर्माण किया गया। रेल विकास निगम (RVNL) द्वारा निर्मित यह पुल भारतीय इंजीनियरिंग का एक और मील का पत्थर साबित होगा।