बहुविवाह को रोकने के लिए असम के CM ने कमेटी का किया गठन, अनुच्छेद 25 के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्व और शरीयत का अध्ययन करेगी

एक्सपर्ट कमेटी का कम होगा की क्या विधानसभा के पास अधिकार है बहुविवाह को रोकने के लिए ये कमेटी संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्व और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) का अध्ययन करेगी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और  राज्य के सीएम ने कहा कि मुस्लिम बेटियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहिए ना कि उन्हे बच्चा पैदा करने वाली मशीन बनाना चाहिए । उन्होने ये  भी कहा की अगर वापस भाजपा की सत्ता आती है तो वे समान नागरिक साहिता पर कम करेगी | इन सब के लिए उनको धन्यवाद देना चाहते हैं।ये सब को लेकर सीएम हिमंता के इस बयान को लेकर जोरों शोरों से आलोचना भी हुई है। उनके बयान पर विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे अपने भाषण के जरिए धर्म को विशेष टारगेट कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बहुविवाह पर रोक लगाने की बात कही थी इसके  साथ ही वे इसकी की तैयारी में जुड़े हैं। 9 मई को उन्होंने इस बबात का एक बयान भी जारी किया था। वहीं उन्होंने एक ट्वीटर कर कहा कि एक से ज्यादा शादियों पर बैन लगाने के लिए असम में एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन किया जाएगा । एक्सपर्ट कमेटी का कम होगा की क्या विधानसभा के पास अधिकार है बहुविवाह को रोकने के लिए ये कमेटी संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्व और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) का अध्ययन करेगी।

कमेटी के सभी सदस्य इस बात पर विचार-विमर्श  के बाद ही अपनी रिपोर्ट की सौपेंगे जिसे सही निर्णय लेने मे मदद मिल सके बता दें कि हिमंता बिस्वा सरमा 6 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार के लिए कोडागु जिले के शनिवारासंथे मदिकेरी में पहुंचे थे। यहां रोड शो के दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि असम में समान नागरिक संहिता को लागू करना बहुत जरूरी है। जिसे पुरुष र-चार शादियां करने की प्रथा को समाप्त किया जा सके |

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