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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह एडवाइजरी जारी की है

गर्मियों के सीजन में अस्पतालों में आग की घटनाओं को रोकने के उपायों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA ) ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इंस्पेक्शन करनी होगी और अस्पतालों में बिजली के मीटर पर खास निगरानी करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह एडवाइजरी जारी की है

गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ ही अस्पताल में आग लगना एक बड़ा खतरा बन जाता है। अस्पतालों में आग से बचाव के लिए क्या सभी जरूरी उपाय किए गए हैं, इसको चेक करने के लिए संपूर्ण फायर सेफ्टी ऑडिट करना जरूरी है। इसके लिए ऑन-साइट इंस्पेक्शन करें और यह सुनिश्चित करें कि फायर अलार्म, फायर स्मोक डिटेक्टर, फायर एक्सटिंगुइशर, फायर हाइड्रेंट और फायर लिफ्ट सहित अग्निशमन प्रणालियां मौजूद हैं और पूरी तरह कार्य कर रही हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि बिजली भार ऑडिट भी किया जाएगा। अस्पतालों को नियमित रूप से बिजली भार ऑडिट करना चाहिए, खासकर नए उपकरण जोड़ते समय या खाली जगहों को आईसीयू में परिवर्तित करते समय यह उपाय अपनाना बहुत जरूरी है।

आग से बचाव के लिए जो नियम हैं, उनका पूरी तरह से पालन होना चाहिए। फायर एनओसी नियम जरूरी है, अगर किसी अस्पताल के पास फायर एनओसी नहीं है तो इसके बारे में राज्यों को सख्त कदम उठाने होंगे। अस्पतालों को अग्निशामक यंत्र, हाइड्रेंट और अलार्म जैसे अग्निशमन उपकरणों का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए। इसमें अग्निशामकों की समाप्ति तिथियों की जांच करना, यह सुनिश्चित करना शामिल है कि हाइड्रेंट पहुंच योग्य हैं और उनमें पर्याप्त पानी का दबाव है, और अग्नि अलार्म पूरे स्थान पर चालू और सुनाई देने योग्य हैं।

ऑक्सिजन टैंक या पाइप्ड ऑक्सिजन वाले क्षेत्रों में धूम्रपान निषेध की सख्त नीतियां लागू करें। साइनेज पर इन क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और कर्मचारियों को उच्च ऑक्सिजन वाले क्षेत्रों से जुड़े जोखिमों पर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। बिजली भार की निगरानी करने और ओवरलोडिंग को रोकने के लिए बिजली प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि कई उच्च-शक्ति उपकरण एक ही सर्किट से जुड़े नहीं हैं। आग लगने की स्थिति में निकासी प्रबंधन की खास समीक्षा की जानी चाहिए। हर अस्पताल को आग लगने की घटना की स्थिति में पालन करने के लिए एक एसओपी तैयार करनी होगी।

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