पेपर लीक लीक मामले में घिरे सुभासपा विधायक बेदी राम को लेकर एक और खुलासा हुआ है। बेदी राम जौनपुर जिले में जलालपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। वहां उसकी हिस्ट्रीशीट 17A पर दर्ज है। साल 2022 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने इसकी हिस्ट्रीशीट खोली थी। जलालपुर थाने में बेदी राम के अपराधों की कुंडली है। हिस्ट्रीशीट में यह भी लिखा गया है कि विधायक के पास दो ईंट भट्टे भी हैं।
राजभर से सीएम योगी ने मांगी सफाई
बेदी राम का नाम पेपर लीक मामले में सामने आने के बाद अभी हाल में ही मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, सीएम योगी ने राजभर से इस मामले में सफाई मांगी और उन्हें फटकार तक लगाई। हालांकि आधिकारिक रूप से बताया गया कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
सपा-कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
बेदी राम का नाम सामने आने के बाद सपा और कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। हाल में ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक वीडियो ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा था। कांग्रेस ने यह भी कहा कि बेदी राम विधायक बनने से पहले पेपर लीक मामले में जेल की सजा काट चुके हैं। कांग्रेस ने कहा एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बेदी राम को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह एक अभ्यर्थी को पास कराने के बदले पैसे लेता है। वह आगे कहते हैं कि अगर पेपर रद्द हुआ तो वह जिम्मेदार नहीं हैं। कांग्रेस ने कहा कि अगर वीडियो सच है तो कार्रवाई की जानी चाहिए।
बेदी राम पर पेपर लीक मामले में दर्ज है 8 एफआईआर
बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम पर कई अन्य पेपर लीक घोटालों में शामिल होने का आरोप है। बेदी राम के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ दर्ज नौ मामलों में से आठ पेपर लीक से संबंधित हैं। बेदी राम के खिलाफ पुलिस और रेलवे में भर्ती के लिए परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में मामले दर्ज किए गए हैं। भोपाल में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पेपर लीक मामले में उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है।
बेदी राम पर गैंगस्टर एक्ट में दर्ज है केस
2006 में रेलवे में भर्ती का प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में बेदी राम पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। दो साल बाद एक और मामला लखनऊ के गोमती नगर में दर्ज हुआ। 2010 में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में बेदी राम के खिलाफ जौनपुर के मड़ियाहूं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 2014 में एक और मामला दर्ज किया गया था