देश में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों से भारत के दुश्मन आतंकी संघ हाथ मिलाने के फिराक में हैं। महाराष्ट्र ATS ने राज्य में सरकारी और निजी कंपनियों ख़ास कर डिफेंस इक्विपमेंट के उत्पादन से जुड़ी प्राइवेट कंपनियों को सावधानी बरतने को कहा। महाराष्ट्र ATS हाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ़्तारी के बाद घुसपैठ के पैटर्न को एनालाइज करने में जुटी है। महाराष्ट्र ATS ने नयी रणनीति अपना कर घुसपैठियों का भारत में रहना मुश्किल कर दिया है।
बदले राजनीतिक हालात का उठा सकते हैं फायदा
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद देश की सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियां भारत में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चौकन्नी हुई है। बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उनके देश में बदले राजनीतिक हालात का फायदा उठा सकते हैं। ये आतंकी संगठन हिंदुस्तान में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को स्लीपर सेल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। महाराष्ट्र में एंटी टेररिज्म स्क्वाड के पास राज्य को आतंकी हमलों से बचाये रखने का जिम्मा है। ऐसे में ATS ने भी बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ राज्य में बड़ी मुहिम छेड़ रखी है। महाराष्ट्र एटीएस स्पेशल ड्राइव चलकर महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने की मुहिम चला रही है। देश में गैरकानूनी तरीके से घुस आये बांग्लादेशी नागरिकों का सबसे बड़ा ठिकाना मुंबई और उसके आसपास के ज़िले हैं। यही वजह है कि ATS से मिले इनपुट और अपने खुद की ख़ुफ़िया जानकारी पर काम करते हुए इस साल मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ कुल 195 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में कुल 278 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, वही साल 2024 में नवी मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विदेशी और बांग्लादेशी नागरिकों का आंकड़ा 653 है। इनमे से 47 पुरुष बांग्लादेशी और 52 महिलाएं बांग्लादेशी हैं साथ ही 14 को अभी तक डिपोर्ट किया जा चुका है।
यहां बसने के पैटर्न को तलाश रही है ATS
गिरफ्तारियों और डेपोर्टेशन के अलावा ATS महाराष्ट्र के सरज़मीन पर गैरकानूनी तरीके से बांग्लादेशी लोगों के पहुंचने और यहां बसने के पैटर्न को तलाश रही है। ATS पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर ये जानना चाह रही है कि वो बांग्लादेश के किस हिस्से से हैं। भारत – बांग्लादेश देश सीमा के किस जगह से वो हिंदुस्तान में घुस रहे हैं? उन्हें महाराष्ट्र तक लाने वाला शख्स या गैंग कौन है? महाराष्ट्र में उन्हें कहां-कहां बसाया जा रहा है? उनके आधार कार्ड कौन और कैसे बन रहे हैंय़ आधार कार्ड क्या महाराष्ट्र में बन रहे हैं या फिर किसी और राज्य से आधार बनवा कर महाराष्ट्र में आ रहे हैं? पकडे जाने पर वो खुद को पश्चिम बंगाल के किस राज्य का नागरिक बता कर बचना चाहते हैं? ऐसे और कई सवालों के जवाब तालाश कर ATS इसे एनालाइज करेगी और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके पीछे मकसद साफ है कि इस विश्लेषण के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियां उस दिशा में कार्रवाई करें जहां से बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो सके।