तहव्वुर राणा का भारत आना 26/11 पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद है। अब NIA की जांच यह साबित करेगी कि पाकिस्तानी एजेंसियों का इस हमले में कितना रोल था।
नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, वह कल (गुरुवार) सुबह दिल्ली पहुंचेगा, जिसके साथ NIA की एक विशेष टीम मौजूद है। अमेरिकी अदालत से सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और भारतीय एजेंसियों ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
कौन है तहव्वुर राणा?
- पाकिस्तानी नागरिक, पूर्व पाकिस्तानी सेना का डॉक्टर (10 साल सेवा दी)।
- 26/11 हमले की साजिश में शामिल: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (HUJI) के साथ मिलकर काम किया।
- अमेरिका में गिरफ्तार: 2011 में शिकागो में आतंकी फंडिंग और हमले की योजना बनाने के आरोप में पकड़ा गया।
- डेविड हेडली का सहयोगी: हमले की रिसर्च और लॉजिस्टिक्स में मदद करने का आरोप।
भारत लाने की प्रक्रिया
- NIA-अमेरिका संयुक्त कोशिश: पिछले दो महीनों से गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी अधिकारियों के बीच समन्वय चल रहा था।
- अदालती लड़ाई: राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रत्यर्पण रोकने की मांग की थी, लेकिन खारिज हो गई।
- राणा का डर: उसने दावा किया कि “भारत में उसे प्रताड़ित किया जाएगा”, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
26/11 हमले की भयावहता
- 26 नवंबर 2008 को मुंबई में 10 आतंकवादियों ने ताज होटल, ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे और CST पर हमला किया।
- 166 निर्दोषों की मौत, 300+ घायल।
- अजमल कसाब को छोड़कर सभी आतंकी मारे गए, लेकिन पाकिस्तान-आधारित साजिशकर्ता (जैसे राणा) अब तक सजा से बचे थे।
अगले कदम
- NIA जांच: राणा से पूछताछ कर हमले के मास्टरमाइंड (हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी) तक का कनेक्शन खोजा जाएगा।
- सजा की मांग: भारत में उसे आतंकवाद और हत्या के मामलों में सजा दिलाने की कोशिश होगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह प्रत्यर्पण?
- न्याय की दिशा में बड़ा कदम: 15 साल बाद एक और आरोपी भारत के सामने।
- पाकिस्तान को संदेश: भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग से आतंकवादियों को सजा दिलाने में सक्षम।