भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने FY26 की पहली बैठक में रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती की घोषणा की। इसके साथ ही, रेपो रेट 6.25% से घटकर 6% पर आ गया है। यह साल 2025 में लगातार दूसरी बार की गई कटौती है, जिससे कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी और घर, कार व अन्य लोन की EMI कम होगी।
मुख्य बिंदु:
- राहत का फैसला:
- रेपो रेट अब 6% (पहले 6.25%)
- MSF रेट 6.5% से घटकर 6.25%
- SDF रेट 6% से घटकर 5.75%
- RBI ने मौद्रिक नीति का रुख “Neutral” से बदलकर “Accommodative” कर दिया।
- GDP और महंगाई का अनुमान:
- FY25 की GDP ग्रोथ:
- Q1: 6.5% | Q2: 6.5% | Q3: 6.6% | Q4: 6.3%
- महंगाई (Inflation) 4% के आसपास रहने का अनुमान।
- FY25 की GDP ग्रोथ:
- क्यों की गई कटौती?
- ग्लोबल आर्थिक चुनौतियों (टैरिफ वॉर, ट्रेड टेंशन) के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती।
- निवेश (Investment) और विनिर्माण (Manufacturing) क्षेत्र में सुधार के संकेत।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से महंगाई पर नियंत्रण की उम्मीद।
- EMI पर क्या असर होगा?
- रेपो रेट कम होने से बैंकों का उधारी लागत (बॉरोइंग कॉस्ट) घटेगा।
- इसका फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को मिलेगा।
- उदाहरण: 30 लाख के होम लोन पर 0.25% की कटौती से EMI में ~₹500 प्रति माह की कमी आ सकती है।
- 5 साल बाद लगातार दूसरी कटौती:
- फरवरी 2025 में RBI ने 5 साल बाद पहली बार रेपो रेट 6.5% से 6.25% किया था।
- इससे पहले, मई 2020 में रेपो रेट घटाया गया था, लेकिन बाद में बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया।
आगे क्या?
- बैंक अब नए रेट्स को लागू करेंगे, जिससे लोन सस्ते होंगे।
- FD पर रिटर्न भी घट सकता है।
- RBI ने आगे भी ग्रोथ को सपोर्ट करने का संकेत दिया है।
निष्कर्ष: RBI का यह फैसला आम लोगों और उद्योगों के लिए राहत भरा है, लेकिन ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते भविष्य में नीतियां बदल भी सकती हैं।